॥ दोहा ॥मूर्ति स्वयंभू शारदा,मैहर आन विराज।माला, पुस्तक, धारिणी,वीणा कर में साज॥ ॥ चौपाई ॥जय जय जय शारदा महारानी।आदि शक्ति तुम जग कल्याणी॥रूप चतुर्भुज तुम्हरो माता।तीन लोक महं तुम विख्याता॥ दो सहस्र बर्षहि अनुमाना।प्रगट भई शारद...
॥ दोहा॥शीश नवा अरिहन्त को,सिद्धन करूँ प्रणाम।उपाध्याय आचार्य का,ले सुखकारी नाम॥ सर्व साधु और सरस्वती,जिन मन्दिर सुखकार।महावीर भगवान को,मन-मन्दिर में धार॥ ॥ चौपाई ॥जय महावीर दयालु स्वामी।वीर प्रभु तुम जग में नामी॥वर्धमान है नाम तुम्हारा।लगे हृदय...
दोहा ॥सुवन केहरी जेवर,सुत महाबली रनधीर।बन्दौं सुत रानी बाछला,विपत निवारण वीर॥ जय जय जय चौहान,वन्स गूगा वीर अनूप।अनंगपाल को जीतकर,आप बने सुर भूप॥ ॥ चौपाई ॥जय जय जय जाहर रणधीरा।पर दुख भंजन बागड़ वीरा॥गुरु गोरख का...
॥ दोहा ॥गरुड़ वाहिनी वैष्णवी,त्रिकुटा पर्वत धाम।काली, लक्ष्मी, सरस्वती,शक्ति तुम्हें प्रणाम॥ ॥ चौपाई ॥नमो: नमो: वैष्णो वरदानी।कलि काल मे शुभ कल्याणी॥मणि पर्वत पर ज्योति तुम्हारी।पिंडी रूप में हो अवतारी॥ देवी देवता अंश दियो है।रत्नाकर घर जन्म...
॥ चौपाई ॥ प्रथमहिं गुरुको शीश नवाऊँ।हरिचरणों में ध्यान लगाऊँ॥गीत सुनाऊँ अद्भुत यार।धारण से हो बेड़ा पार॥ अर्जुन कहै सुनो भगवाना।अपने रूप बताये नाना॥उनका मैं कछु भेद न जाना।किरपा कर फिर कहो सुजाना॥ जो कोई तुमको...