स्तोत्र (stotra)

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श्री यमुना सहस्रनाम स्तोत्र | मां यमुना की महिमा का दिव्य वर्णन (Maa Yamuna Sahasranama Stotra Lyrics with Meaning) – ज्ञान की बातें

श्री यमुना सहस्रनाम स्तोत्र यमुना देवी की स्तुति में रचित एक दिव्य स्तोत्र है। ईस स्तोत्र के पाठ से जीवन के सभी पापों का नाश, होता है मन की शुद्धि और श्रीकृष्ण भक्ति की प्राप्ति होती है। यमुनाजी को भगवान श्रीकृष्ण की प्रिय सखी और कलिंदी के नाम जाना जाता है। गर्ग संहिता में वर्णित श्री यमुना सहस्रनाम स्तोत्र उनके सहस्र नामों का दिव्य स्तवन है। यह स्तोत्र सभी सिद्धियों को प्रदान करने वाला तथा श्रीकृष्ण की कृपा प्राप्त करने का सरल माध्यम है। ईस स्तोत्र का श्रद्धा पूर्व जप...
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श्री गणेश अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्र | श्री गणेश की महिमा का दिव्य वर्णन (Shri Ganesh Ashtottara Shatnam Stotra Lyrics with Meaning) – ज्ञान की बातें

श्री गणेश अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्र भगवान गणेश को समर्पित है गणेश जी को सभी देवी-देवताओं में सबसे शक्तिशाली देव और प्रथम पूजनीय रूप में जाना जाता है। भगवान गणेश विभिन्न धार्मिक और धर्मनिरपेक्ष आयोजनों के दौरान पूजा का केंद्र बिंदु होते हैं, खासकर जब नए उद्यम शुरू करते हैं या वाहन जैसी संपत्ति प्राप्त करते हैं। हिंदू धर्म में, भगवान गणेश के 108 अलग-अलग नाम मौजूद हैं, जिन्हें सामूहिक रूप से भगवान गणेश की अष्टोत्तर शतनामावली के रूप में जाना जाता है। हिंदू पौराणिक मान्यता के अनुसार, नियमित रूप से...
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श्री सूर्याष्टोत्तरशतानाम स्तोत्र – सूर्य देव की महिमा का दिव्य वर्णन (Shri Suryashtotarshatanam Stotra Lyrics with Meaning) – ज्ञान के बातें

श्री सूर्याष्टोत्तरशतानाम स्तोत्र भगवान सूर्य देव को समर्पित है उन्हे हिंदू धर्म में जगत की आत्मा माना जाता है। वे प्रकाश, ऊर्जा और जीवन के स्रोत हैं। श्री सूर्याष्टोत्तरशतनाम स्तोत्र महाभारत के वनपर्व में वर्णित है, जहां धौम्य ऋषि ने युधिष्ठिर को यह स्तोत्र बताया था। इसमें सूर्य देव के 108 पवित्र नाम हैं, जिनका पाठ करने से भक्तों की स्वास्थ्य, बुद्धि, धन और सभी मनोकामनाएं प्राप्त होती हैं। यह स्तोत्र सूर्य पूजा के दौरान विशेष रूप से पढ़ा जाता है, जैसे रविवार को या छठ पूजा में। ईसके नियमित...
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श्री दुर्गाष्टोत्तरशतनाम स्तोत्र – मां दुर्गा जी की महिमा का दिव्य वर्णन (Shri Durgashtottarashatanam Stotra Lyrics with Meaning)

‘श्रीदुर्गाष्टोत्तरशतनामस्तोत्रम्’ का वर्णन ‘श्रीदुर्गासप्तशती’ में किया गया है जो हिंदू तंत्र शास्त्र ‘विश्वसारतन्त्र’ का एक ग्रंथ है। इस ग्रंथ में मां दुर्गा के विभिन्न रूपों, उनकी साधना, मंत्रों और स्तोत्रों का विस्तार से वर्णन किया गया है। ‘श्रीदुर्गाष्टोत्तरशतनामस्तोत्रम्’ देवी दुर्गा के 108 नामों का एक स्तोत्र है, जो उनकी विभिन्न शक्तियों और गुणों का वर्णन करता है। इस स्तोत्र का जप विशेष रूप से दुर्गा पूजा और नवरात्रि जैसे त्योहारों के दिनों में बहुत शुभ माना गया है। इन दिनों एक विशेष ऊर्जा का संचार वातावरण में महसूस किया जा...
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श्री कृष्णाष्टोत्तरशतनाम स्तोत्र –श्री कृष्ण जी की महिमा का दिव्य वर्णन (Sri Krishna Ashtottara Shatnam Stotram Lyrics with Meaning)

श्री कृष्णाष्टोत्तरशतनाम स्तोत्र भगवान श्री कृष्ण के 108 नामों का एक दिव्य स्तोत्र है, जो भागवत पुराण और अन्य वैष्णव ग्रंथों से प्रेरित है। यह स्तोत्र भक्तों को कृष्ण की लीलाओं, गुणों और दिव्य स्वरूप की स्मृति कराता है। "कृष्णाष्टोत्तरशतनाम" शब्द का अर्थ है - कृष्ण के अष्टोत्तर (108 से अधिक) शतनाम (सौ नाम), लेकिन परंपरा के अनुसार यह ठीक 108 नामों पर आधारित है। इस स्तोत्र का पाठ करने से मन की शांति, भक्ति की वृद्धि और सभी कष्टों का निवारण होता है। यह स्तोत्र आदि शंकराचार्य या वैष्णव...
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श्री विष्णु दशावतार स्तोत्र | भगवान विष्णु की महिमा का दिव्य वर्णन (Shri Vishnu Dashavatar Stotra Lyrics with Meaning) – ज्ञान की बातें

श्री विष्णु दशावतार स्तोत्र हिंदू धर्म में भगवान विष्णु को संरक्षक देवता माना जाता है, जो विश्व के पालनकर्ता हैं। उनके दस प्रमुख अवतारों को 'दशावतार' कहा जाता है, जो सत्ययुग से कलियुग तक मानवता की रक्षा के लिए अवतरित हुए। श्री विष्णु दशावतार स्तोत्र एक प्राचीन भक्ति रचना है, जो इन अवतारों की महिमा का गुणगान करती है। यह स्तोत्र भक्तों को आध्यात्मिक शांति प्रदान करता है और विष्णु भक्ति को गहरा बनाता है। यह स्तोत्र मूल रूप से संस्कृत में रचा गया है, लेकिन हम इसका सरल हिंदी...
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शिव तांडव स्तोत्र – भगवान शिव की महिमा का दिव्य वर्णन (Shiva Tandava Stotram Lyrics with Meaning)

भगवान शिव हिंदू धर्म के प्रमुख देवता हैं, जो संहार के साथ-साथ सृजन और पालन के प्रतीक भी हैं। शिव तांडव स्तोत्र एक ऐसा प्राचीन संस्कृत भक्ति भजन है, जो रावण द्वारा रचित माना जाता है। यह स्तोत्र शिव के तांडव नृत्य की भव्यता, क्रोध और करुणा के मिश्रण को चित्रित करता है। यह स्तोत्र न केवल आध्यात्मिक ऊर्जा प्रदान करता है, बल्कि दैनिक जाप से मानसिक शांति और सकारात्मकता भी लाता है। शिव तांडव स्तोत्र का इतिहास और महत्व शिव तांडव स्तोत्रम की रचना लंका के राजा रावण ने...