आरती (Aarti)जानकी माता आरती अमित भारद्वाज3 महीना agoजुलाई 18, 202574आरती कीजै श्रीजनक लली कीदेवी जानकी की सबसे प्रसिद्ध आरती में से एक है। यह प्रसिद्ध आरती देवी सीता से...
आरती (Aarti)अहोई माता आरतीअमित भारद्वाज3 महीना ago78जय अहोई माता,जय अहोई माता ।तुमको निसदिन ध्यावत,हर विष्णु विधाता ॥ॐ जय अहोई माता ॥ ब्रह्माणी, रुद्राणी, कमला,तू ही है...
आरती (Aarti)श्री कुबेर जी आरती – जय कुबेर स्वामी अमित भारद्वाज3 महीना agoजुलाई 24, 202590जय कुबेर स्वामी,प्रभु जय कुबेर स्वामी,हे समरथ परिपूरन ।हे समरथ परिपूरन ।हे अन्तर्यामी ॥ॐ जय कुबेर स्वामीप्रभु जय कुबेर स्वामी..जय...
आरती (Aarti)ॐ जय महावीर प्रभु आरतीअमित भारद्वाज3 महीना agoजुलाई 18, 202578ॐ जय महावीर प्रभु,स्वामी जय महावीर प्रभु ।कुण्डलपुर अवतारी,चांदनपुर अवतारी,त्रिशलानंद विभु ॥सिध्धारथ घर जन्मे,वैभव था भारी ।बाल ब्रह्मचारी व्रत,पाल्यो तप...
आरती (Aarti)श्री कुबेर आरतीअमित भारद्वाज3 महीना ago71भारत के सबसे बड़े त्यौहार दीपावली का शुभ आरंभ धनतेरस से होता है, धनतेरस के दिन देवी लक्ष्मी, भगवान कुबेर एवं श्री...
आरती (Aarti)भगवान विश्वकर्मा आरतीअमित भारद्वाज3 महीना agoजुलाई 18, 202573जय श्री विश्वकर्मा प्रभु,जय श्री विश्वकर्मा ।सकल सृष्टि के करता,रक्षक स्तुति धर्मा ॥ जय श्री विश्वकर्मा प्रभु,जय श्री विश्वकर्मा ।...
आरती (Aarti)श्री चित्रगुप्त जी की आरती – श्री विरंचि कुलभूषणअमित भारद्वाज3 महीना ago56श्री विरंचि कुलभूषण,यमपुर के धामी ।पुण्य पाप के लेखक,चित्रगुप्त स्वामी ॥ सीस मुकुट, कानों में कुण्डल,अति सोहे ।श्यामवर्ण शशि सा...
आरती (Aarti)श्री चित्रगुप्त स्तुति अमित भारद्वाज3 महीना agoजुलाई 18, 202555जय चित्रगुप्त यमेश तव,शरणागतम् शरणागतम् ।जय पूज्यपद पद्मेश तव,शरणागतम् शरणागतम् ॥ जय देव देव दयानिधे,जय दीनबन्धु कृपानिधे ।कर्मेश जय धर्मेश...
आरती (Aarti)श्री गौमता आरतीअमित भारद्वाज3 महीना ago94श्री गौमता जी की आरतीआरती श्री गैय्या मैंय्या की,आरती हरनि विश्व धैय्या की ॥ अर्थकाम सद्धर्म प्रदायिनि,अविचल अमल मुक्तिपददायिनि ।सुर...
आरती (Aarti)भगवद् गीता आरतीअमित भारद्वाज3 महीना agoजुलाई 18, 202559जय भगवद् गीते,जय भगवद् गीते ।हरि-हिय-कमल-विहारिणि,सुन्दर सुपुनीते ॥ कर्म-सुमर्म-प्रकाशिनि,कामासक्तिहरा ।तत्त्वज्ञान-विकाशिनि,विद्या ब्रह्म परा ॥जय भगवद् गीते...॥ निश्चल-भक्ति-विधायिनि,निर्मल मलहारी ।शरण-सहस्य-प्रदायिनि,सब विधि सुखकारी...