दोहा ॥सुवन केहरी जेवर,सुत महाबली रनधीर।बन्दौं सुत रानी बाछला,विपत निवारण वीर॥ जय जय जय चौहान,वन्स गूगा वीर अनूप।अनंगपाल को जीतकर,आप बने सुर भूप॥ ॥ चौपाई ॥जय जय जय जाहर रणधीरा।पर दुख भंजन बागड़ वीरा॥गुरु गोरख का...
॥ दोहा ॥गरुड़ वाहिनी वैष्णवी,त्रिकुटा पर्वत धाम।काली, लक्ष्मी, सरस्वती,शक्ति तुम्हें प्रणाम॥ ॥ चौपाई ॥नमो: नमो: वैष्णो वरदानी।कलि काल मे शुभ कल्याणी॥मणि पर्वत पर ज्योति तुम्हारी।पिंडी रूप में हो अवतारी॥ देवी देवता अंश दियो है।रत्नाकर घर जन्म...
॥ चौपाई ॥ प्रथमहिं गुरुको शीश नवाऊँ।हरिचरणों में ध्यान लगाऊँ॥गीत सुनाऊँ अद्भुत यार।धारण से हो बेड़ा पार॥ अर्जुन कहै सुनो भगवाना।अपने रूप बताये नाना॥उनका मैं कछु भेद न जाना।किरपा कर फिर कहो सुजाना॥ जो कोई तुमको...
॥ दोहा ॥श्री गणपति गुरु गौरी पदप्रेम सहित धरि माथ ।चालीसा वंदन करोश्री शिव भैरवनाथ ॥ श्री भैरव संकट हरणमंगल करण कृपाल ।श्याम वरण विकराल वपुलोचन लाल विशाल ॥ ॥ चौपाई ॥जय जय श्री काली के...
॥ दोहा॥देवि पूजित, नर्मदा,महिमा बड़ी अपार ।चालीसा वर्णन करत,कवि अरु भक्त उदार॥इनकी सेवा से सदा,मिटते पाप महान ।तट पर कर जप दान नर,पाते हैं नित ज्ञान ॥ ॥ चौपाई ॥जय-जय-जय नर्मदा भवानी,तुम्हरी महिमा सब जग जानी...
॥ दोहा ॥श्री गणपति गुरुपद कमल,प्रेम सहित सिरनाय ।नवग्रह चालीसा कहत,शारद होत सहाय ॥ जय जय रवि शशि सोम बुध,जय गुरु भृगु शनि राज।जयति राहु अरु केतु ग्रह, ग्रहों की यंत्र करहुं अनुग्रह आज ॥ ॥...