जय जय कैला मात हेतुम्हे नमाउ माथ ॥शरण पडूं में चरण मेंजोडूं दोनों हाथ ॥ आप जानी जान होमैं माता अंजान ॥क्षमा भूल मेरी करोकरूँ तेरा गुणगान ॥ ॥ चौपाई ॥जय जय जय कैला महारानी ।नमो...
॥ दोहा ॥गरुड़ वाहिनी वैष्णवी,त्रिकुटा पर्वत धाम।काली, लक्ष्मी, सरस्वती,शक्ति तुम्हें प्रणाम॥ ॥ चौपाई ॥नमो: नमो: वैष्णो वरदानी।कलि काल मे शुभ कल्याणी॥मणि पर्वत पर ज्योति तुम्हारी।पिंडी रूप में हो अवतारी॥ देवी देवता अंश दियो है।रत्नाकर घर जन्म...
॥ दोहा ॥बन्दौं सन्तोषी चरण रिद्धि-सिद्धि दातार ।ध्यान धरत ही होत नर दुःख सागर से पार ॥ भक्तन को सन्तोष दे सन्तोषी तव नाम ।कृपा करहु जगदम्ब अब आया तेरे धाम ॥ ॥ चौपाई ॥जय सन्तोषी...