सिर पे गंगा जी की धार (Sir Pe Ganga Ji Ki Dhar) भजन एक लोकप्रिय भजन है जो भगवान शिव की भक्ति में गाया जाता है। यह भजन भगवान शिव के रूप और उनकी शक्तियों का वर्णन करता है। यह भजन भक्तों में भगवान शिव के प्रति श्रद्धा और प्रेम का भाव जगाता है। यह भजन भगवान शिव की भक्ति का एक सुंदर और मधुर स्त्रोत है। भजन की भाषा सरल और सुबोध है।
सिर पे गंगा जी की धार भजन (Sir Pe Ganga Ji Ki Dhar Bhajan In Hindi) हिंदी में
सिर पे विराजे गंगा की धार,
कहते है उनको भोलेनाथ,
वही रखवाला है,
इस सारे जग का।
हाथो में त्रिशूल लिए है,
गले में है सर्पो की माला,
माथे पे चन्द्र सोहे अंगो पे,
विभूति लगाये,
भक्त खड़े जयकार करे,
दुखियो का सहारा है,
मेरा भोलेबाबा,
वही रखवाला है,
इस सारे जग का।
काशी में जाके विराजे देखो,
तीनो लोक के स्वामी,
अंगो पे विभूति रमाये,
देखो वो है औघड़दानी,
भक्त तेरा गुणगान करे,
दुखियो का सहारा है,
मेरा भोलेबाबा,
वही रखवाला है,
इस सारे जग का।।
सिर पे गंगा जी की धार भजन (Sir Pe Ganga Ji Ki Dhar Bhajan In English) अंग्रेजी में
Sir Pe Viraaje Ganga Ki Dhaar,
Kahte Hai Unko Bholenath,
Vahi Rakhwala Hai,
Is Saare Jag Ka.
Haathon Mein Trishul Liye Hai,
Gale Mein Hai Sarpo Ki Maala,
Maathe Pe Chandra Sohe Ango Pe,
Vibhuti Lagaye,
Bhakt Khade Jaykaar Kare,
Dukhiyo Ka Sahara Hai,
Mera Bhole Baba,
Vahi Rakhwala Hai,
Is Saare Jag Ka.
Kashi Mein Jaake Viraaje Dekho,
Tino Lok Ke Swami,
Ango Pe Vibhuti Ramaaye,
Dekho Vo Hai Aughardaani,
Bhakt Tera Gunagaan Kare,
Dukhiyo Ka Sahara Hai,
Mera Bhole Baba,
Vahi Rakhwala Hai,
Is Saare Jag Ka