पूजा के नियम

मासिक धर्म काल में महिला पूजा नियम

मासिक धर्म नारी जीवन का एक पवित्र और प्राकृतिक हिस्सा है, जो सृजनशक्ति, शक्ति, और प्रकृति के साथ गहरे जुड़ाव का प्रतीक है। भारतीय संस्कृति में, मासिक धर्म के दौरान महिलाओं के लिए विशेष पूजा नियम और परंपराएं हैं, जो आध्यात्मिकता, शारीरिक स्वास्थ्य, और मानसिक संतुलन को बढ़ावा देती हैं। इस लेख में, हम मासिक धर्म काल में महिला पूजा नियम (menstruation worship rules for women) को एक प्रेरणादायक, समग्र, और आधुनिक दृष्टिकोण से समझेंगे। हमारी वेबसाइट ज्ञान की बातें (https://www.gyankibaatein.com) का उद्देश्य आपको ऐसी जानकारी प्रदान करना है जो...
पूजा के नियम

घर के मंदिर में वास्तु आधारित स्नान एवं स्थान संबंधी नियम

घर का मंदिर आपके घर का आध्यात्मिक हृदय है, जहां आप न केवल अपने इष्टदेव की आराधना करते हैं, बल्कि सकारात्मक ऊर्जा और शांति का संचार भी करते हैं। Vastu shastra for home temple के नियमों का पालन करके आप इस पवित्र स्थान को और अधिक शक्तिशाली बना सकते हैं। साथ ही, sacred bath for worship जैसे नियम आपके मन, शरीर, और आत्मा को शुद्ध करते हैं, जिससे आपकी भक्ति और गहरी होती है। Gyan Ki Baatein (https://www.gyankibaatein.com) पर हम आपके लिए यह विस्तृत, प्रेरणादायक, और SEO-friendly लेख लेकर आए...
पूजा के नियम

दीपक जलाने के 7 खास नियम

भारतीय संस्कृति में दीपक जलाना (lighting a lamp) केवल एक अनुष्ठान नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक प्रक्रिया है जो अंधेरे को दूर कर मन, शरीर और आत्मा को प्रकाशित करती है। दीपक की छोटी सी लौ न केवल वातावरण को शुद्ध करती है, बल्कि यह ज्ञान, शांति, समृद्धि और सकारात्मकता का प्रतीक भी है। चाहे वह रोज़मर्रा की पूजा हो, दीपावली (Diwali) जैसे त्योहार, या घर में सकारात्मक ऊर्जा लाने की इच्छा, दीपक जलाने की प्रक्रिया में कुछ विशेष नियमों का पालन करना आवश्यक है। ये नियम आपके अनुष्ठानों को शक्तिशाली...
पूजा-पाठ ( pooja-paath)

पूजा में भूल से की जाने वाली 10 सामान्य गलतियाँ

पूजा भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता का एक ऐसा अनमोल रत्न है, जो न केवल हमें ईश्वर के करीब लाता है, बल्कि हमारे मन को शांति, आत्मविश्वास, और सकारात्मकता से भर देता है। यह एक ऐसा पवित्र कार्य है, जो हमारे जीवन को संतुलित करता है और हमें अपने उद्देश्यों की ओर प्रेरित करता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि पूजा के दौरान की गई छोटी-छोटी भूलें (common mistakes in pooja) इस पवित्र अनुष्ठान के प्रभाव को कम कर सकती हैं? अनजाने में की गई ये गलतियाँ हमारी भक्ति...
पूजा के नियम

पूजन से पहले स्नान व स्वच्छता: आध्यात्मिक और शारीरिक शुद्धता का महत्व

पूजन भारतीय संस्कृति का एक ऐसा अभिन्न हिस्सा है, जो हमें भगवान के साथ जोड़ता है और आत्मिक शांति प्रदान करता है। लेकिन पूजन की इस पवित्र प्रक्रिया में स्नान और स्वच्छता (bath before pooja, cleanliness in worship) का विशेष स्थान है। यह न केवल शारीरिक शुद्धता सुनिश्चित करता है, बल्कि मन और आत्मा को भी शुद्ध करता है। स्नान और स्वच्छता के बिना पूजन अधूरा माना जाता है, क्योंकि यह हमें सकारात्मक ऊर्जा से भर देता है और भक्ति के लिए तैयार करता है। इस लेख में, हम "पूजन...
श्री भगवत भगवान की है आरती!
आरती (Aarti)

श्री भगवत भगवान की है आरती!

श्री भगवत भगवान की है आरती,पापियों को पाप से है तारती।ये अमर ग्रन्थ ये मुक्ति पन्थ,ये पंचम वेद निराला,नव ज्योति जलाने वाला।हरि नाम यही हरि धाम यही,यही जग मंगल की आरतीपापियों को पाप से है तारती॥॥...
श्री शीतलनाथ जी आरती
आरती (Aarti)

श्री शीतलनाथ जी आरती

ॐ जय शीतलनाथ स्वामी,स्वामी जय शीतलनाथ स्वामी।घृत दीपक से करू आरती,घृत दीपक से करू आरती।तुम अंतरयामी,ॐ जयशीतलनाथ स्वामी॥॥ ॐ जय शीतलनाथ स्वामी...॥ भदिदलपुर में जनम लिया प्रभु,दृढरथ पितु नामी,दृढरथ पितु नामी।मात सुनन्दा के नन्दा तुम,शिवपथ के...
माँ महाकाली आरती
आरती (Aarti)

माँ महाकाली आरती

जय काली माता, माँ जय महा काली माँ।रतबीजा वध कारिणी माता।सुरनर मुनि ध्याता, माँ जय महा काली माँ॥दक्ष यज्ञ विदवंस करनी माँ शुभ निशूंभ हरलि।मधु और कैितभा नासिनी माता।महेशासुर मारदिनी, ओ माता जय महा काली माँ॥...
श्री बद्रीनाथजी की आरती
आरती (Aarti)

श्री बद्रीनाथजी की आरती

पवन मंद सुगंध शीतल,हेम मंदिर शोभितम् ।निकट गंगा बहत निर्मल,श्री बद्रीनाथ विश्व्म्भरम् ॥शेष सुमिरन करत निशदिन,धरत ध्यान महेश्वरम् ।वेद ब्रह्मा करत स्तुति,श्री बद्रीनाथ विश्वम्भरम् ॥॥ पवन मंद सुगंध शीतल...॥ शक्ति गौरी गणेश शारद,नारद मुनि उच्चारणम् ।जोग...
श्री भगवद्‍ गीता आरती 
आरती (Aarti)

श्री भगवद्‍ गीता आरती 

जय भगवद् गीते,जय भगवद् गीते ।हरि-हिय-कमल-विहारिणि,सुन्दर सुपुनीते ॥ कर्म-सुमर्म-प्रकाशिनि,कामासक्तिहरा ।तत्त्वज्ञान-विकाशिनि,विद्या ब्रह्म परा ॥जय भगवद् गीते...॥ निश्चल-भक्ति-विधायिनि,निर्मल मलहारी ।शरण-सहस्य-प्रदायिनि,सब विधि सुखकारी ॥जय भगवद् गीते...॥ राग-द्वेष-विदारिणि,कारिणि मोद सदा ।भव-भय-हारिणि,तारिणि परमानन्दप्रदा ॥जय भगवद् गीते...॥ आसुर-भाव-विनाशिनि,नाशिनि तम रजनी ।दैवी सद्...
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