ॐ जय सोम देवा, स्वामी जय सोम देवा ।दुःख हरता सुख करता, जय आनन्दकारी । रजत सिंहासन राजत, ज्योति तेरी न्यारी ।दीन दयाल दयानिधि, भव बन्धन हारी । जो कोई आरती तेरी, प्रेम सहित गावे ।सकल...
जय शनि देवा, जय शनि देवा,जय जय जय शनि देवा ।अखिल सृष्टि में कोटि-कोटि जन,करें तुम्हारी सेवा ।जय शनि देवा, जय शनि देवा,जय जय जय शनि देवा ॥ जा पर कुपित होउ तुम स्वामी,घोर कष्ट वह...
जय जय तुलसी माता,मैया जय तुलसी माता ।सब जग की सुख दाता,सबकी वर माता ॥॥ जय तुलसी माता...॥ सब योगों से ऊपर,सब रोगों से ऊपर ।रज से रक्ष करके,सबकी भव त्राता ॥॥ जय तुलसी माता...॥ बटु...
श्री भगवत भगवान की है आरती,पापियों को पाप से है तारती। ये अमर ग्रन्थ ये मुक्ति पन्थ,ये पंचम वेद निराला,नव ज्योति जलाने वाला।हरि नाम यही हरि धाम यही,यही जग मंगल की आरतीपापियों को पाप से है...
श्री राम नवमी, विजय दशमी, सुंदरकांड, रामचरितमानस कथा और अखंड रामायण के पाठ में प्रमुखता से की जाने वाली आरती। आरती कीजै रामचन्द्र जी की।हरि-हरि दुष्टदलन सीतापति जी की॥ पहली आरती पुष्पन की माला।काली नाग नाथ...