धर्मराज कर सिद्ध काज,प्रभु मैं शरणागत हूँ तेरी ।पड़ी नाव मझदार भंवर में,पार करो, न करो देरी ॥॥ धर्मराज कर सिद्ध काज..॥ धर्मलोक के तुम स्वामी,श्री यमराज कहलाते हो ।जों जों प्राणी कर्म करत हैं,तुम सब...
ॐ जय जय धर्म धुरन्धर,जय लोकत्राता ।धर्मराज प्रभु तुम ही,हो हरिहर धाता ॥ जय देव दण्ड पाणिधर यम तुम,पापी जन कारण ।सुकृति हेतु हो पर तुम,वैतरणी ताराण ॥ न्याय विभाग अध्यक्ष हो,नीयत स्वामी ।पाप पुण्य के...
धर्मराज कर सिद्ध काज,प्रभु मैं शरणागत हूँ तेरी ।पड़ी नाव मझदार भंवर में,पार करो, न करो देरी ॥॥ धर्मराज कर सिद्ध काज..॥ धर्मलोक के तुम स्वामी,श्री यमराज कहलाते हो ।जों जों प्राणी कर्म करत हैं,तुम सब...
ॐ जय जय धर्म धुरन्धर,जय लोकत्राता ।धर्मराज प्रभु तुम ही,हो हरिहर धाता ॥ जय देव दण्ड पाणिधर यम तुम,पापी जन कारण ।सुकृति हेतु हो पर तुम,वैतरणी ताराण ॥ न्याय विभाग अध्यक्ष हो,नीयत स्वामी ।पाप पुण्य के...