गुड़ी पाड़वा 2025
त्यौहार (Festival)

गुड़ी पाड़वा 2026

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गुड़ी पाड़वा हिन्दू कैलंडर के अनुसार चैत्र माह में आता है, तथा इसे पर्व को दक्षिण भारत के लोग नववर्ष के रूप में मनाते है। यह 2 शब्दों से मिलकर बना है, गुड़ी का अर्थ “विजय पताका” व पाड़वा का अर्थ “चंद्रमा का पहला दिन” है। इस त्योहार को उगादि नाम से भी जाना जाता है।   

कैसे मनाया जाता है गुड़ी पाड़वा

गुड़ी पाड़वा के दिन महिलायें और परिवार के सभी सदस्य मिलकर पूरे घर की सफाई करते है। इसके बाद पूरे शरीर में तेल लगा कर स्नान किया जाता है। घर के द्वार पर रंगोली, तथा आम के पत्तों का तोरण बना कर घर के मुख्य द्वार पर लगाते है।

इसके बाद घर के सामने एक तांबे के लोटे को डंडे पर उल्टा रखकर उसे लाल या पीला कपड़े फूल, माला चढ़ाया जाता हैं जिसे गुड़ी कहाँ जाता है।

इस त्योहार में भगवान विष्णु तथा ब्रह्मा जी की पूजा होती है, और सुंदरकांड, का पाठ किया जाता है। खाने के लिए मीठे पाकवान और श्रीखंड आदि बनाया जाता है

पूजा के बाद लोग नए वस्त्र को पहन कर एक दूसरे से मिलने जाते है, व अपने यहाँ बुलाते है और साथ में मिलकर त्योहार मनाते है।

गुड़ी पाड़वा 2026 मुहूर्त

गुड़ी पड़वा बृहस्पतिवार, मार्च 19, 2026 को

प्रतिपदा तिथि प्रारम्भ – मार्च 19, 2026 को 06:52 ए एम बजे

प्रतिपदा तिथि समाप्त – मार्च 20, 2026 को 04:52 ए एम बजे

गुड़ी पाड़वा कथा

एक और कथा प्रचलित है गुड़ी पाड़वा से संबंधित , माना जाता है की जब रावण ने माता सीता का छल से हरण कर लिया था, तो श्री राम उनको छुड़ाने के लिए लंका युद्ध करने जा रहे, जब वह लंका जा रहे थे तो रास्ते में उन्हे सुग्रीव मिले, और सुग्रीव ने अपने भाई बलि के कुशासन के बारे में बताया। तब भगवान श्री राम ने बलि का वध कर दिया और सभी जनता को उसके अत्याचार से मुक्ति मिल गई। जिस दिन बलि का वध हुआ था वो माह था चैत्र माह का शुक्ल पक्ष था, विजय की खुशी में इसी दिन यह का त्योहार मनाया जाने लगा।

गुड़ी पड़वा के लिए खाने की तैयारियां

गुड़ी पड़वा पर बनाए गए ये सभी व्यंजन सिर्फ स्वादिष्ट नहीं, बल्कि अत्यंत पौष्टिक भी होते हैं. इन व्यंजनों को पारंपरिक रूप से तैयार किया जाता है, जिससे इनका हर बाइट में स्वाद और संस्कृति का मिश्रण होता है. चाहे आप पूरन पोली खा रहे हों, श्रीखंड का आनंद ले रहे हों, या फिर साबूदाना वड़ा और कोथिंबीर वडी का स्वाद ले रहे हों, इन व्यंजनों में हर तत्व त्योहार की खुशी और समृद्धि को दर्शाता है.

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

गुड़ी पड़वा के दिन क्या बनाएं

1. पूरन पोली – एक स्वादिष्ट शुरुआत

गुड़ी पड़वा के दौरान सबसे खास और लोकप्रिय मिठा व्यंजन है पूरन पोली. यह महाराष्ट्र के प्रमुख पारंपरिक मिठों में से एक है और खासतौर पर त्योहारों पर बनाई जाती है. इस व्यंजन का मुख्य आकर्षण है गुड़ और चना दाल का मिश्रण, जो बेसन और घी के साथ पकाया जाता है. पूरन पोली का स्वाद इतना लाजवाब होता है कि इसका स्वाद हर एक बाइट में बस जाता है. यह गरमागरम खाने पर और भी ज्यादा स्वादिष्ट लगता है. इसके बनावट में एक हल्का सा कुरकुरापन और अंदर से सॉफ्ट फिलिंग होती है जो इस व्यंजन को खास बनाती है.

2. श्रीखंड – मीठा और ठंडा स्वाद

गुड़ी पड़वा पर श्रीखंड का सेवन भी एक परंपरा बन चुका है. श्रीखंड एक ठंडी और मलाईदार मिठाई है, जिसे खासतौर पर हंग कर्ड (दही) से तैयार किया जाता है. यह स्वाद में बहुत ही लाजवाब और हल्का होता है. आमतौर पर इसे इलायची, केसर और शक्कर के साथ तैयार किया जाता है, जो इसे एक शाही स्वाद देता है. गर्मी के दिनों में, इसके साथ आम का मिलाजुला वर्ज़न भी बहुत पसंद किया जाता है. इसकी मलाईदार तासीर और मीठा स्वाद इस त्योहार को और भी रंगीन बना देता है.

3. साबूदाना वड़ा – क्रिस्पी और स्वादिष्ट

अगर आप गुड़ी पड़वा के दिन हल्का और क्रिस्पी स्नैक ढूंढ रहे हैं, तो साबूदाना वड़ा से बेहतरीन विकल्प और कुछ नहीं हो सकता. यह न सिर्फ स्वाद में लाजवाब होता है, बल्कि इसे बनाने में भी कोई मुश्किल नहीं होती. साबूदाना और आलू का मिश्रण, जिसे तला जाता है, यह वड़ा कभी भी आपके स्वाद का हिस्सा बन सकता है. अगर आप सेहत का ख्याल रखते हुए कोई हल्का ऑप्शन चाहते हैं, तो आप इसे बेक भी कर सकते हैं. इसे चटनी के साथ परोसा जाता है, जो इसके स्वाद को और बढ़ा देता है. यह एक बेहतरीन स्नैक है, जो खासतौर से शाकाहारी व्रत रखने वाले लोगों के लिए आदर्श है.

4. कोथिंबीर वडी – पौष्टिक और मसालेदार

कोथिंबीर वडी एक और लोकप्रिय महाराष्ट्रीयन व्यंजन है, जिसे खासकर गुड़ी पड़वा के अवसर पर बनाना जाता है. इस व्यंजन में धनिया के पत्तों का इस्तेमाल किया जाता है, जो इसे एक ताजगी और खास स्वाद प्रदान करता है. धनिया पत्तों को पहले भाप में पकाया जाता है और फिर मसालों के साथ तला जाता है, जिससे इसका स्वाद और बढ़ जाता है. यह वडी हल्की खस्ता और स्वाद में मसालेदार होती है, जो हर एक बाइट के साथ आपको आनंद देती है. इसे चाय के साथ भी खाया जा सकता है, और यह व्रत के दौरान भी एक बेहतरीन विकल्प है.

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