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हरी सिर धरे मुकुट खेले होरी भजन (Hari Sir Dhare Mukut Khele Hori bhajan) – श्री कृष्ण जी का भजन

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हरी सिर धरे मुकुट खेले होरी (Hari Sir Dhare Mukut Khele Hori) देवों की भूमि देवभूमि उत्तराखंड में होली त्योहार के अवसर पर वहाँ के महिलाओ के द्वारा गया जाने वाला लोकप्रिय गीत है, उत्तराखंड में होली त्योहार आने के एक सप्ताह पूर्व ही वहाँ की महिलाएँ घर-घर बैठकर भजन कीर्तन और नृत्य करते हुए इस पारम्परिक लोकप्रिय गीत का आनंद लेते है।

हरी सिर धरे मुकुट खेले होरी होली भजन (Hari Sir Dhare Mukut Khele Hori bhajan In Hindi) हिंदी में

हरी सिर धरे मुकुट खेले होरी
कहाँ से आयो कुँवर कन्हैया

हरी सिर धरे मुकुट खेले होरी
कहाँ से आयो कुँवर कन्हैया
कहाँ से आई राधा गोरी
हरी सिर धरे मुकुट खेले होरी
कहाँ से आयो कुँवर कन्हैया
मथुरा से आयो कुँवर कन्हैया
गोकुल से राधा गोरी

हरी सिर धरे मुकुट खेले होरी
हरी सिर धरे मुकुट खेले होरी
कितने बरस को कुँवर कन्हैया
कितने बरस की राधा गोरी
हरी सिर धरे मुकुट खेले होरी
सात बरस को कुँवर कन्हैया
बारह बरस राधा गोरी

हरी सिर धरे मुकुट खेले होरी
हरी सिर धरे मुकुट खेले होरी
काहे के दो खम्भ बने है
काहे की लागी डोरी
हरी सिर धरे मुकुट खेले होरी
हरी सिर धरे मुकुट खेले होरी
अगर चन्दन को खम्भ बनो है
रेशम की लागी डोरी

हरी सिर धरे मुकुट खेले होरी
हरी सिर धरे मुकुट खेले होरी
एक पर झूले कुँवर कन्हैया
दूजे पर राधा गोरी
हरी सिर धरे मुकुट खेले होरी
हरी सिर धरे मुकुट खेले होरी
टूट गयो खम्भ लटक गई डोरी
रपट पड़ी राधा गोरी

हरी सिर धरे मुकुट खेले होरी
हरी सिर धरे मुकुट खेले होरी
जुड़ गयो खम्भ जुड़ाय गयी डोरी
हँसत चली राधा गोरी

हरी सिर धरे मुकुट खेले होरी,
हरी सिर धरे मुकुट खेले होरी,

हरी सिर धरे मुकुट खेले होरी होली भजन (Hari Sir Dhare Mukut Khele Hori bhajan In English) अंग्रेजी में

Hari Sir Dhare Mukut Khele Hori
Kahan Se Aayo Kunvar Kanhaiya,

Hari Sir Dhare Mukut Khele Hori
Kahan Se Aayo Kunvar Kanhaiya
Kahan Se Aai Radha Gori
Hari Sir Dhare Mukut Khele Hori
Kahan Se Aayo Kunvar Kanhaiya
Mathura Se Aayo Kunvar Kanhaiya
Gokul Se Radha Gori

Hari Sir Dhare Mukut Khele Hori
Hari Sir Dhare Mukut Khele Hori
Kitne Baras Ko Kunvar Kanhaiya
Kitne Baras Ki Radha Gori
Hari Sir Dhare Mukut Khele Hori
Saat Baras Ko Kunvar Kanhaiya
Barah Baras Radha Gori

Hari Sir Dhare Mukut Khele Hori
Hari Sir Dhare Mukut Khele Hori
Kaahe Ke Do Khambh Bane Hai
Kahe Ki Lagi Dori
Hari Sir Dhare Mukut Khele Hori
Hari Sir Dhare Mukut Khele Hori
Agar Chandan Ko Khambh Bano Hai
Resham Ki Lagi Dori

Hari Sir Dhare Mukut Khele Hori
Hari Sir Dhare Mukut Khele Hori
Ek Par Jhoole Kunvar Kanhaiya
Dooje Par Radha Gori
Hari Sir Dhare Mukut Khele Hori
Hari Sir Dhare Mukut Khele Hori
Toot Gayo Khambh Latak Gai Dori
Rapat Padi Radha Gori

Hari Sir Dhare Mukut Khele Hori
Hari Sir Dhare Mukut Khele Hori
Jud Gayo Khambh Juday Gayi Dori
Hansat Chali Radha Gori

Hari Sir Dhare Mukut Khele Hori,
Hari Sir Dhare Mukut Khele Hori,

हरी सिर धरे मुकुट खेले होरी होली भजन (Hari Sir Dhare Mukut Khele Hori Bhajan) पीडीएफ

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