गोरखनाथ मठ चालीसा
दोहा -श्री गुरु गणनायक सिमर,शारदा का आधार । कहूँ सुयश श्रीनाथ का,निज मति के अनुसार । श्री गुरु गोरक्षनाथ के...
श्री लक्ष्मी चालीसा
॥ दोहा॥मातु लक्ष्मी करि कृपा,करो हृदय में वास ।मनोकामना सिद्घ करि,परुवहु मेरी आस ॥ ॥ सोरठा॥यही मोर अरदास,हाथ जोड़ विनती...
श्री आदिनाथ चालीसा
॥ दोहा॥शीश नवा अरिहंत को,सिद्धन को, करूं प्रणाम ।उपाध्याय आचार्य का,ले सुखकारी नाम ॥ सर्व साधु और सरस्वती,जिन मन्दिर सुखकार...
विष्णु भगवान चालीसा
॥ दोहा॥विष्णु सुनिए विनय सेवक की चितलाय ।कीरत कुछ वर्णन करूं दीजै ज्ञान बताय । ॥ चौपाई ॥नमो विष्णु भगवान...
श्री कृष्ण चालीसा
॥ दोहा॥बंशी शोभित कर मधुर,नील जलद तन श्याम ।अरुण अधर जनु बिम्बफल,नयन कमल अभिराम ॥ पूर्ण इन्द्र, अरविन्द मुख,पीताम्बर शुभ...
माता सीता चालीसा
॥ दोहा ॥बन्दौ चरण सरोज निज जनक लली सुख धाम,राम प्रिय किरपा करें सुमिरौं आठों धाम ॥कीरति गाथा जो पढ़ें...
माँ पार्वती चालीसा
॥ दोहा ॥जय गिरी तनये दक्षजेशम्भू प्रिये गुणखानि ।गणपति जननी पार्वतीअम्बे! शक्ति! भवानि ॥॥ चौपाई ॥ब्रह्मा भेद न तुम्हरो पावे...
श्री ब्रह्मा चालीसा
॥ दोहा ॥जय ब्रह्मा जय स्वयम्भू,चतुरानन सुखमूल।करहु कृपा निज दास पै,रहहु सदा अनुकूल॥ तुम सृजक ब्रह्माण्ड के,अज विधि घाता नाम।विश्वविधाता...
श्री गोपाल चालीसा
॥ दोहा ॥श्री राधापद कमल रज,सिर धरि यमुना कूल।वरणो चालीसा सरस,सकल सुमंगल मूल॥ ॥ चौपाई ॥जय जय पूरण ब्रह्म बिहारी।दुष्ट...