माँ वैष्णो देवी चालीसा
॥ दोहा ॥गरुड़ वाहिनी वैष्णवी,त्रिकुटा पर्वत धाम।काली, लक्ष्मी, सरस्वती,शक्ति तुम्हें प्रणाम॥ ॥ चौपाई ॥नमो: नमो: वैष्णो वरदानी।कलि काल मे शुभ...
कुबेर चालीसा
॥ दोहा ॥जैसे अटल हिमालय,और जैसे अडिग सुमेर ।ऐसे ही स्वर्ग द्वार पे,अविचल खडे कुबेर ॥ विघ्न हरण मंगल करण,सुनो...
श्री चित्रगुप्त चालीसा
॥ दोहा ॥सुमिर चित्रगुप्त ईश को, सतत नवाऊ शीश।ब्रह्मा विष्णु महेश सह, रिनिहा भए जगदीश॥करो कृपा करिवर वदन, जो सरशुती...
भगवद गीता चालीसा
॥ चौपाई ॥ प्रथमहिं गुरुको शीश नवाऊँ।हरिचरणों में ध्यान लगाऊँ॥गीत सुनाऊँ अद्भुत यार।धारण से हो बेड़ा पार॥ अर्जुन कहै सुनो...
श्री झूलेलाल चालीसा
॥ दोहा ॥जय जय जल देवता,जय ज्योति स्वरूप ।अमर उडेरो लाल जय,झुलेलाल अनूप ॥ ॥ चौपाई ॥रतनलाल रतनाणी नंदन ।जयति...
श्री भैरव चालीसा
॥ दोहा ॥श्री गणपति गुरु गौरी पदप्रेम सहित धरि माथ ।चालीसा वंदन करोश्री शिव भैरवनाथ ॥ श्री भैरव संकट हरणमंगल...
नर्मदा माता चालीसा
॥ दोहा॥देवि पूजित, नर्मदा,महिमा बड़ी अपार ।चालीसा वर्णन करत,कवि अरु भक्त उदार॥इनकी सेवा से सदा,मिटते पाप महान ।तट पर कर...
नवग्रह चालीसा
॥ दोहा ॥श्री गणपति गुरुपद कमल,प्रेम सहित सिरनाय ।नवग्रह चालीसा कहत,शारद होत सहाय ॥ जय जय रवि शशि सोम बुध,जय...
शीतला माता चालीसा
॥ दोहा॥जय जय माता शीतला ,तुमहिं धरै जो ध्यान ।होय विमल शीतल हृदय,विकसै बुद्धी बल ज्ञान ॥ घट-घट वासी शीतला,शीतल...