पूजा में किन रंगों के वस्त्र पहनना वर्जित माने जाते हैं
ज्ञान की बातें (gyankibaatein.com) में आपका स्वागत है। हिन्दू पूजा में रंगों का अपार महत्व है। जैसे विचारों का रंग बदलता है, वैसे ही हमारा पहनावा पूजा की ऊर्जा को प्रभावित करता है। इस लेख में हम बताएँगे कि पूजा में किन रंगों के वस्त्र पहनना वर्जित माना जाता है। साथ ही प्रेरणादायक शैली में जानेंगे कि शुभ कौन‑से colours हैं, और क्यों certain colours को avoid करना जरूरी है। यह article हिंदी में है, लेकिन SEO keywords अंग्रेजी (English) और long‑term keywords जैसे “prohibited colours in puja”, “puja colour rules in Hinduism”, “which colours not to wear during puja” भी शामिल किये गए हैं।
1. पूजा में रंगों का महत्व
हिंदू धर्म में रंग केवल दृश्य सौंदर्य नहीं, बल्कि प्रतीकात्मक शक्ति होते हैं। रंगों के माध्यम से देवता के मनोभावों से जुड़ाव होता है:
- Red → शक्ति, सौभाग्य, माँ दुर्गा
- Yellow → ज्ञान और वैभव: विष्णु, राम, कृष्ण से जुड़ा
- Green → प्रकृति, उन्नति, स्वास्थ्य और सौभाग्य
- White → शांति, पवित्रता, सात्विक भाव
लेकिन कुछ रंग ऐसे हैं जो पूजा की पवित्रता में बाधा डालते हैं – जैसे Black, Blue इत्यादि (indiancult.in, Grehlakshmi, Sanmarg Hindi daily, Webdunia, Bhaktvatsal)।
2. वर्जित रंग
2.1 काला (Black)
काला रंग हिन्दू धर्म में अशुभ, नकारात्मक ऊर्जा और अंधकार का प्रतीक माना गया है। पूजा‑पाठ, मांगलिक कार्य, आपके spiritual space को प्रभावित करता है। केवल शनिदेव पूजा जैसे very specific circumstances में काला रंग सफलता‑प्रदान कर सकता है otherwise पूजा में black clothing is prohibited माना जाता है
2.2 नीला (Blue)
नीले रंग को हिन्दू परंपरा में उदासीन या अवांछित माना जाता है। पूजा में never wear blue colour माना गया है क्योंकि यह negative energy को attract कर सकता है
2.3 सफेद (White) – संवेदनशील दृष्टिकोण
सामान्यतः सफेद रंग शांत और पवित्र समझा जाता है। लेकिन अनेक परंपराओं में वेदना, शोक, ब्राह्मण का वस्त्र, और काही विशेष पूजा‑विधानों के दौरान सफेद वस्त्र पहनना वर्जित रखा जाता है। कुछ शास्त्र बताते हैं कि मांगलिक या मंगल कार्यों में सफेद पहनना ashubh हो सकता है
2.4 खाकी (Khaki) और गंदे/फटे कपड़े
पूजा के लिए उपयोगी कपड़ा साफ, साफ‑sutra और पवित्र होना चाहिए। Khaki colour या dirty/torn cloth पहनना पूजा के पूर्ण फल को बाधित कर सकता है, इसलिए avoid करना चाहिए
3. शुभ रंग
इन रंगों को पूजा में पहनना शुभ माना जाता है:
3.1 लाल (Red)
Red is considered the colour of prosperity, energy, strength। माता दुर्गा और माता लक्ष्मी का प्रिय colour है। इसलिए wearing red cloth in puja शुभ माना जाता है और “
3.2 पीला (Yellow)
Yellow symbolizes knowledge, intellect, brightness—especially associated with भगवान विष्णु, राम, कृष्ण एवं गुरु ग्रह (Jupiter). Wearing yellow in puja is considered auspicious (“puja yellow cloth”)
3.3 हरा (Green)
Green denotes nature, growth, healing, prosperity. पूजा में हरा रंग भी स्वीकार्य और शुभ है (“puja green clothes”) especially देवी पार्वती और माता लक्ष्मी को प्रिय
3.4 सफेद (White) – जहाँ स्वीकार्य
कुछ पूजा‑विधानों में (जैसे सरस्वती पूजा, ब्रह्मचर्य व्रत, ciertas rituals) सफेद वस्त्र पहनना बहुत पवित्र और श्रेष्ठ माना जाता है (“puja white cloth”)
4. विशेष पूजा‑विविध परिप्रेक्ष्य
शनिदेव पूजा
Black cloth, normally prohibited, is considered acceptable when offering puja to Shani Bhagwan (Shani‑dev). यह एक exception है जहाँ black clothing can convey respect and propitiation to Saturn (Sanmarg Hindi daily, Grehlakshmi)।
नवरात्रि में रंग‑दिन
नवरात्रि के नौ दिनों में हर दिन देवी के एक रूप का विधान होता है, और उसी अनुसार रंग धारण करना शुभ होता है:
- Day 1‑2 (Shailputri, Brahmacharini): White
- Day 3 (Chandraghanta): Red
- Day 4 (Kushmanda): Green, Yellow, Orange
- Day 5 (Skandamata): आम तौर पर Blue देवी को अर्पित लेकिन भक्तों को White पहनना बेहतर कहा जाता है
- Day 6 (Katyayani): Yellow
- Day 7 (Kaalratri): भक्तों को Blue, Gray, Brown पहनने को कहते हैं—यहां blue accepted per tradition ≠ सामान्य पूजा
- Day 8 (Mahagauri): Pink or White
- Day 9 (Siddhidatri): Red or Yellow
यह बताता है कि context-sensitive exceptions हैं, लेकिन सामान्य पूजा में black/blue/khaki/dirty कपड़ा वर्जित है।
5. क्यों वर्जित हैं ये रंग?
- Black प्रतीक है अज्ञानता, grief, negative energy; absorbs positive vibrations → पूजा‑स्थल को प्रभावित करता है
- Blue प्रतीक है अज्ञात, अनिश्चित भाववत् → शुभ क्रिया में बाधक
- White कभी‑कभी शोक, ब्राह्मणों या मृत व्यक्तियों से जुड़ा → मंगल कार्यों में टकराव उत्पन्न करता है
- Khaki/dull/grotty cloth indicates neglect, अशुद्धता → पूजा की पवित्रता बिगड़ती है
इन रंगों से avoided aura फैलती है, जिससे पूजा‑पाठ के आध्यात्मिक लाभ कम हो जाते हैं।
6. निष्कर्ष
पूजा में वस्त्रों का रंग केवल फैशन नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक संकेत है। आमतौर पर पूजा में black, blue, khaki, dirty/torn cloth पहनना वर्जित माना जाता है (except specific rituals like Shani‑puja या Navratri exceptions)।
इसके बजाय red, yellow, green, और context में white जैसे auspicious colours पहनना शुभ माना जाता है। यह न केवल पूजा की पवित्रता बनाए रखता है, बल्कि आपके मन, भाव, और आत्मा को सकारात्मक ऊर्जा से भर देता है।