मार्गशीर्ष पूर्णिमा: महिमा, व्रत और शुभ मुहूर्त 2025
पूर्णिमासी के दिन

मार्गशीर्ष पूर्णिमा: महिमा, व्रत और शुभ मुहूर्त 2025

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मार्गशीर्ष पूर्णिमा, जिसे Battisi Purnima या Dattatreya Jayanti के नाम से भी जाना जाता है, हिंदू कैलेंडर के मार्गशीर्ष मास की पूर्णिमा तिथि है। वर्ष 2025 में यह त्योहार विशेष महत्व रखता है, क्योंकि यह भगवान विष्णु की भक्ति और दत्तात्रेय जयंती से जुड़ा है। भगवद्गीता में स्वयं भगवान कृष्ण ने कहा है, “मासानां मार्गशीर्षोऽहम्” अर्थात् महीनों में मैं मार्गशीर्ष हूं। यह कथन इस मास की श्रेष्ठता को दर्शाता है, जो हमें प्रेरित करता है कि जीवन में भक्ति और सद्कर्मों के माध्यम से हम अपनी आत्मा को जागृत करें।

Margashirsha Purnima 2025 date and time के बारे में जानना आवश्यक है, क्योंकि यह दिन पवित्र स्नान, दान-पुण्य और व्रत के लिए आदर्श है। इस दिन की ऊर्जा इतनी सकारात्मक होती है कि यह हमारे जीवन में शांति, समृद्धि और आध्यात्मिक उन्नति लाती है। यदि आप “How to observe Margashirsha Purnima vrat” या “Significance of Margashirsha Purnima in Hinduism” जैसी खोज कर रहे हैं, तो यह लेख आपके लिए प्रेरणास्रोत बनेगा। आइए, इस पवित्र यात्रा को शुरू करें और देखें कैसे यह पूर्णिमा हमारे जीवन को रोशन कर सकती है।

1. मार्गशीर्ष पूर्णिमा का महिमा

मार्गशीर्ष पूर्णिमा हिंदू धर्म में एक ऐसा पर्व है जो आत्मा की शुद्धि और भगवान की भक्ति का प्रतीक है। इस दिन चंद्रमा अपनी पूर्ण ज्योति के साथ आकाश में चमकता है, जो हमें जीवन में पूर्णता की प्राप्ति की प्रेरणा देता है। Margashirsha Purnima importance इतना अधिक है कि इसे “Battisi Purnima” भी कहा जाता है, क्योंकि इस दिन किए गए दान-पुण्य का फल 32 गुना अधिक मिलता है।

भगवान विष्णु को समर्पित यह पूर्णिमा हमें सिखाती है कि जीवन की हर चुनौती को भक्ति के माध्यम से पार किया जा सकता है। युवतियां इस दिन पवित्र नदी में स्नान करके मनचाहा जीवनसाथी प्राप्त करने की कामना करती हैं, जबकि सभी भक्त पापों से मुक्ति और इच्छाओं की पूर्ति के लिए व्रत रखते हैं। मार्गशीर्ष मास को “अगहन” या “मगसर” भी कहा जाता है, और यह वर्ष का सबसे शुभ मास माना जाता है। भगवान कृष्ण की यह उक्ति हमें प्रेरित करती है कि जैसे मार्गशीर्ष मास फसलों की शुरुआत का समय है, वैसे ही हमारा जीवन भी नई ऊर्जा से भर सकता है।

इस पूर्णिमा का महिमा वैज्ञानिक रूप से भी जुड़ा है, क्योंकि पूर्ण चंद्रमा की किरणें मन को शांत और शरीर को ऊर्जावान बनाती हैं। “Margashirsha Purnima significance in Hinduism” की खोज करने वाले भक्तों के लिए यह दिन एक अवसर है, जहां वे अपनी आध्यात्मिक यात्रा को मजबूत कर सकते हैं। इस महिमा को समझकर हम जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं, और यही इस पर्व की सच्ची प्रेरणा है।

2. मार्गशीर्ष पूर्णिमा व्रत विधि

मार्गशीर्ष पूर्णिमा का व्रत रखना सरल लेकिन प्रभावशाली है। “How to observe Margashirsha Purnima vrat” के लिए निम्न विधि अपनाएं:

  • प्रातःकाल उठें: ब्रह्म मुहूर्त में उठकर तुलसी की जड़ से स्नान करें। “ओम नमो नारायण” का जाप करें।
  • व्रत संकल्प: सफेद वस्त्र पहनकर भगवान विष्णु का ध्यान करें और व्रत का संकल्प लें।
  • पूजा: भगवान नारायण की मूर्ति स्थापित करें, फूल, फल, धूप-दीप से पूजा करें। सत्यनारायण कथा का पाठ करें।
  • उपवास: पूरे दिन फलाहार या निराहार रहें। शाम को चंद्रमा को अर्घ्य दें।
  • दान: कपड़े, अन्न दान करें, विशेषकर महिलाओं को।

यह विधि हमें अनुशासन सिखाती है, और व्रत से मिलने वाली ऊर्जा जीवन को प्रेरित करती है। Margashirsha Purnima vrat vidhi in Hindi अपनाकर आप आध्यात्मिक शक्ति प्राप्त कर सकते हैं।

3. मार्गशीर्ष पूर्णिमा 2025 : तिथि और शुभ मुहूर्त

इस दिन का शुभ मुहूर्त और पारण का समय निम्नलिखित है:

मार्गशीर्ष पूर्णिमा उपवास बृहस्पतिवार, दिसम्बर 4, 2025 को

Shukla Purnima पूर्णिमा उपवास के दिन चन्द्रोदय – 04:35 पी एम

पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ – दिसम्बर 04, 2025 को 08:37 ए एम बजे

पूर्णिमा तिथि समाप्त – दिसम्बर 05, 2025 को 04:43 ए एम बजे 2025″ के अनुसार, इन समयों में पूजा करने से फल कई गुना बढ़ता है। यह मुहूर्त हमें समय के महत्व की प्रेरणा देते हैं।

4. मार्गशीर्ष पूर्णिमा के लाभ और महत्व

इस पूर्णिमा के लाभ अनेक हैं। व्रत रखने से पाप नष्ट होते हैं, इच्छाएं पूरी होती हैं। स्वास्थ्य लाभ: चंद्र किरणें तनाव कम करती हैं। आर्थिक लाभ: दान से समृद्धि आती है।

“Benefits of Margashirsha Purnima vrat” जानकर हम जीवन में संतुलन ला सकते हैं। यह महत्व हमें प्रेरित करता है कि छोटे प्रयास बड़े परिणाम देते हैं।

5. मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर किए जाने वाले विशेष कार्य

  • पवित्र स्नान: यमुना या गंगा में डुबकी लगाएं।
  • हवन: घर पर यज्ञ करें।
  • प्रसाद वितरण: मिठाई बांटें।
  • भजन-कीर्तन: सामूहिक भक्ति करें।

ये कार्य हमें एकता और भक्ति की प्रेरणा देते हैं।

6. मार्गशीर्ष पूर्णिमा और दत्तात्रेय जयंती

यह दिन दत्तात्रेय जयंती भी है। दत्तात्रेय की शिक्षाएं हमें प्रकृति से सीखने की प्रेरणा देती हैं। उनकी कथा जीवन को ज्ञानमय बनाती है।

7. मार्गशीर्ष पूर्णिमा के प्रेरणादायक संदेश

यह पूर्णिमा हमें सिखाती है कि पूर्णता की खोज में भक्ति आवश्यक है। जीवन की हर रात के बाद पूर्णिमा आती है, जो आशा की किरण है। Margashirsha Purnima inspirational quotes: “भक्ति से सब संभव है।”

निष्कर्ष

मार्गशीर्ष पूर्णिमा 2025 एक ऐसा अवसर है जो हमें आध्यात्मिक ऊंचाइयों तक ले जाता है। Margashirsha Purnima 2025 date and time का पालन करके हम जीवन में शांति और समृद्धि प्राप्त कर सकते हैं। इस लेख से प्रेरित होकर व्रत रखें और भक्ति में लीन हों। अधिक जानकारी के लिए https://www.gyankibaatein.com पर विजिट करें। जय श्री कृष्ण!


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